मैं गुरदीप चंद बठिंडा पंजाब में रहता हूं मेरी दो लड़कियां हैं
जो सातवीं कक्षा में पढ़ती हैं उनको मैं और पढ़ाना चाहता हूं लेकिन फरवरी 2019 में मैं जिस पब्लिक टॉयलेट में काम करता था वह बंद हो गया उसके बंद होने से मैं बेरोजगार हो गया आंखों से कम दिखने के कारण मुझे कहीं और काम नहीं मिला मैंने काम की बहुत तलाश की भी शायद मुझे कोई काम मिल जाए पर कोई काम नहीं मिला घर में इतना पैसा भी नहीं है कि मैं कोई छोटा-मोटा काम चला सकूं
मेरी पत्नी मेरी हेल्प कर सकती है लेकिन वह भी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है
मैं चाहता हूं की अपनी बेटियों को अपने दम पर पढ़ा सकूं
लेकिन लगता है किस्मत मेरे साथ नही है मुझे आशा है कि आप लोग मेरी मदद करे मेरा मकान भी बरसात के दिनों में छत से पानी गिरता है
और पानी भर जाता है इसे निकालने में कम से कम 3 से 4 दिन लग जाते हैं मेरी इतनी आमदनी
नहीं है कि मैं घर का गुजारा कर सकूं अपनी बेटियों को कैसे पड़ा लूंगा मुझे आशा है कि आप लोग मेरी हेल्प करेंगे
मेरी बेटियां पढ़ लिख कर मेरे जैसे लोगों की मदद करें वह पढ़ना चाहती हैं क्लास में सर्वोत्तम आती हैं
आप मेरी हेल्प करें अगर आप मेरा काम चलाने में मेरी मदद करेंगे चाहे उधारी के तौर पर ही करेंगे तो मैं अपनी बेटियों को खुद पड़ा सकूंगा
मुझे आपसे बहुत आशा है आप लोग मेरी मदद करें