*In July/Augst 2019-20-21,22,23,24,25 it was planned to plant 500+ Unlimited trees in vacant land behind All Rajasthan & Churu. India's most warm district of Churu, in the Two hotest district of the world. All of the trees (Transporting & Laber & Composting) will have to be given the expense of enrichment for 5 years! How many tree guards will you help people to protect from the animals in the trees? Aye!*
*Tree protection without tree guards is absolutely not possible to protect trees. If you want to give tree guards then go ahead and cooperate in the environment .....*
*You must send this message to your 100 friends and 10 Whatsapp Grouos and 20 NRI members! Nobody came forward in this great work of humane and we all should leave something better for this country and for our next generation ... on which people can be proud!*
Mahaveer Prasad Khileri
Whatsapp : +917742543272 (UPI)
चूरू की गर्मी का एक नजारा यहाँ देखें......
👇👇👇👇👇👇👇👇*जुलाई/अगस्त 2019-20-21-22-23-24-25 में बारिश आते ही विश्व के दूसरे सबसे गर्म जिले में & भारत के सबसे ज्यादा गर्म जिले राजस्थान में जोगलिया गाँव की खाली जगह की गुवाड़, चारागाह, तालाब, शमशान, मैदन व किसानों आदि की जमीन में हर वर्ष लगभग 500 से 2000 अधिकतम पेड़ लगवाने का इरादा रखाा होता है। पेड़ों का (Transporting & Laber & Composting ) 5 वर्ष तक संवर्धन का खर्चा हम सब सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिलकर देना होगा ! पेड़ों की पशुओं से सुरक्षा के लिए आप लोग कितने Tree Guards की मदद करेंगे ? या अन्य किस तरह से सहभागिता निभाएंगे!*
*Tree Guards के बिना आवारा पशुओं से पेड़ों की सुरक्षा बिल्कुल भी सम्भव नहीं है।*
*आप Tree Guards देना चाहते है तो आगे बढ़कर पर्यावरण में हमारा सहयोग करे.....*
*आप Tree Guards देना चाहते है तो आगे बढ़कर पर्यावरण में हमारा सहयोग करे.....*
*पेड़ : 500 × 50 = 25,000 ₹ (कम से कम)*
*स्टील बॉडी सुरक्षा कवच : 500 × 630 = 3,15,000 ₹*
*एक वन सेवक : ₹ 10000 × 12 महीना = ₹ 120,000 × 3 Year = ₹ 360,000 (500 पेड़ों पर तीन साल बाद मजदूर की आवश्यकता नहीं!)*
*स्टील बॉडी सुरक्षा कवच : 500 × 630 = 3,15,000 ₹*
*एक वन सेवक : ₹ 10000 × 12 महीना = ₹ 120,000 × 3 Year = ₹ 360,000 (500 पेड़ों पर तीन साल बाद मजदूर की आवश्यकता नहीं!)*
*इस मैसेज को अपने-अपने 100 जानकर मित्रों व 10 Whatsapp Grouos और 20 NRI सदस्यों में जरूर भेजे ! इंसानियत के इस महान कार्य में कोई आगे आये और हम सभी मिलकर इस भारत देश के लिए व अपनी आने वाली नश्लों के लिए कुछ बेहतर छोड़कर जाए... जिसपर वो लोग गर्व कर सके !*
Mahaveer Prasad Khileri
MOBILE : +917742543272
हम सबको पता है कि पर्यावरण प्रदूषण के ऐसे ही हालात हमारी दिल्ली में हो चुके है। पूरे देश और दुनियां के लिए पर्यावरण बहुत बड़ा चैलेंज हो गया है। इसे लेकर पूरी दुनियां के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दिखावटी रूप में इकट्ठे होते है और पर्यावरण के लिए चिंता का नाटक व्यक्त करते है लेकिन कमाई के सिवाय वो करते कुछ भी नहीं!
'पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। ... ये हरे-भरे पेड़-पौधे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जल ,थल, वायु, अग्नि, आकाश इन्हीं पांच तत्वो से ही मनुष्य का जीवन है, और जीवन समाप्त होने पर वह इन्हीं में विलीन हो जाता है।
सामाजिक-सांस्कृतिक पर्यावरण (Social-Cultural Environment): विपणन का सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण वि पणन और समाज और इसकी संस्कृति के बीच संबंध का वर्णन करता है। Marketers को समाज के बदलते मूल्यों और जनसंख्या वृद्धि और आयु वितरण परिवर्तनों जैसे जनसांख्यिकीय बदलावों के प्रति संवेदनशीलता पैदा करनी चाहिए।
निश्चयवाद विचारधारा के अनुसार मानव एवं पारस्परिक संबंध में पर्यावरण एवं प्रकृति (Nature) सक्रिय है और मानव निष्क्रिय (Passive) अर्थात् मानव की उन्नति, अवनति एवं विकास की दर पर्यावरण पर निर्भर रहती है । दूसरे शब्दों में, मानव के भाग्य का निर्धारण प्रकृति एवं पर्यावरण करता है ।
ज़रूरत ना होने पर लाइट पंखा बंद रखें व पानी को बचाने के लिए घर से ही शुरुआत करनी पड़ेगी। अपने करीबी दोस्तों को कपड़े के थैले और पौधे भेंट में दें। आस-पास कुछ भी ऐसा होते हुए देखे, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा हो, उसे तुरंत रोकने की कोशिश करें।
पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित योगदान दे सकते हैं.
- हम लोगों को पेड़ काटने से सबको रोकना होगा और पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना होगा।
- वायु को शुद्ध करने के लिए हमें पेड़ पौधे लगाना चाहिए।
- प्लास्टिक की बनी वस्तुओं का हमें कम से कम उपयोग करना चाहिए।
- जल प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
वर्ष 2020 जुलाई माह में एक हजार पेड़ों का वितरण व रोपण व कार्य किया गया है :-
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