बढ़ते हुए lockdown के कारण हजारों दैनिक मजदूर भूखे रहने को मजबूर हो गए है।ऐसे तो मजदूरों को हमेशा ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सामान्य स्थिति में भी उसे औसतन किसी महीने 10 दिन तो किसी महीने 15 दिन ही काम मिल पाता है।और सरकार से थोड़ी मदद मिल जाती है तो जैसे तैसे गुजारा हो जाता हैं। Lockdown की स्थिति में वे केवल सरकारी सहायता पर ही निर्भर है जो कि पर्याप्त नही है। सरकार की तरफ 25 kg अनाज मिला है। अब किसी के दो बच्चे है तो किसी के तीन।बच्चे तो दो टाइम खाके रहेंगे नही उसे तो कम से कम दिन में 4 या 5 बार खाना चाहिए। फिर कुछ माँ ऐसी है जो कि गर्भवती है उसे तो भर पेट भोजन चाहिए। कुछ माँ ऐसी है जिनके छोटे- छोटे बच्चे हैं जो कि पूर्णतः माँ के दूध पे ही निर्भर है उसे तो पर्याप्त खाना चाहिए। हजारों मजदूर ऐसे है जिनका राशन कार्ड नही बना है जिसके कारण उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नही मिला है। ऐसे लोग भूखे रहने को मजबूर है।
कुछ दिनों तक जगह जगह खिचड़ी का वितरण हुआ लेकिन Lockdown लंबा चलने की वजह से अभी वो भी बंद है। ऐसे में विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी है। हजारों छोटे बच्चे, गर्भवती माँ, दूध पिलाती माँ को भूखे सोना पड़ रहा है। स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगेगा। जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाता इन लोगों को काम मिलना मुश्किल है। यह एक संकट की घड़ी है हम सबको आगे आना होगा और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।
यह एक लंबी लड़ाई है और हम सब को मिलके लड़ना होगा। हमें अपने मजदूर भाईयों को संभाल के रखना होगा। और हमें देखना होगा कि हमारे रहते हमारे समाज मे कोई भूख से न मरे।
फिलहाल हमने दो हजार परिवारों को चिन्हित किया है जिसे उसकी जरूरत के हिसाब 1000-1200 रुपये का ग्रॉसरी देने पर पूरा महीना उसका काम चल जाएगा। जहाँ तक हो सकता है हमलोग अपने स्तर से इनकी सेवा कर रहे है। आपसे आग्रह है आप भी आगे आये और हमारा मनोबल बढ़ाये क्योंकि इससे बड़ी देशभक्ति और इससे बड़ा धर्म कुछ हो नहीं सकता।
Some of our brothers and sisters arein great difficulty and they need our
help. Your little bit contribution even five hundred can be a great help for them.
जय हिंद जय भारत