देश के अब तक के सबसे बड़े और ऐतिहासिक अभियान जिसके अंतर्गत भारत की पहली संस्था बनाएगी हिंदूवा सूरज महाराणा प्रताप के 100 स्मारक ।।
इन स्मारकों में से 12 स्मारकों का निर्माण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों पर किया जाएगा तथा बाकी के स्मारकों का निर्माण प्रत्येक राज्य में उपयुक्त स्थान देखकर भारतीय वास्तुकला के आधार पर किया जाएगा ।।
स्मारक का न्यूनतम क्षेत्रफल 50,000 वर्गफीट होगा जिसके मध्य में एक खूबसूरत फव्वारा होगा और 30 फीट चौड़ा मार्ग होगा।।
स्मारक में सफेद मार्बल से निर्मित एक मूल चबूतरा होगा जिसकी लंबाई 100 फीट, चौड़ाई 75 फीट और ऊंचाई 5 फीट होगी,
उसके ऊपर एक छोटी डिजाइन का चबूतरा होगा जिसकी लंबाई 25 फीट, चौड़ाई 15 फीट और ऊंचाई 5 फीट होगी,
फिर उसके ऊपर 11 फीट ऊंचाई का एक आखरी चबूतरा होगा जिसके ऊपर महाराणा प्रताप की, चेतक पर सवार, 12 फीट ऊंची, अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा । इस प्रकार प्रतिमा की जमीन से कुल ऊंचाई 33 फीट होगी ।।
इसी प्रतिमा के ठीक पीछे इतिहास में पहली बार किसी स्मारक पर 100 फीट ऊंचा केसरिया ध्वज लगाया जाएगा, और जब आसमान के नीले गगन में केसरिया लहराएगा तो हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा ।।
पूरे देश में बनाए जाने वाले इन सभी 100 स्मारकों को शस्त्र और शास्त्र विद्या केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, इन स्मारकों के निर्माण के पीछे हमारा मूल उद्देश्य भारत के खोते हुए इतिहास को बचाना तथा भारत के वास्तविक इतिहास व सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है ।।
प्रति स्मारक निर्माण का खर्चा ₹2 करोड़ होगा, इस तरह से हमारे पूरे अभियान लागत 200 करोड़ रुपए है
अगर महाराणा प्रताप आपके आदर्श हैं और आप सक्षम हैं तो हम आपसे उम्मीद करते हैं कि अपनी श्रद्धा अनुसार ज्यादा से ज्यादा सहयोग राशि दान करें ।
इन स्मारकों में से 12 स्मारकों का निर्माण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों पर किया जाएगा तथा बाकी के स्मारकों का निर्माण प्रत्येक राज्य में उपयुक्त स्थान देखकर भारतीय वास्तुकला के आधार पर किया जाएगा ।।
स्मारक का न्यूनतम क्षेत्रफल 50,000 वर्गफीट होगा जिसके मध्य में एक खूबसूरत फव्वारा होगा और 30 फीट चौड़ा मार्ग होगा।।
स्मारक में सफेद मार्बल से निर्मित एक मूल चबूतरा होगा जिसकी लंबाई 100 फीट, चौड़ाई 75 फीट और ऊंचाई 5 फीट होगी,
उसके ऊपर एक छोटी डिजाइन का चबूतरा होगा जिसकी लंबाई 25 फीट, चौड़ाई 15 फीट और ऊंचाई 5 फीट होगी,
फिर उसके ऊपर 11 फीट ऊंचाई का एक आखरी चबूतरा होगा जिसके ऊपर महाराणा प्रताप की, चेतक पर सवार, 12 फीट ऊंची, अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा । इस प्रकार प्रतिमा की जमीन से कुल ऊंचाई 33 फीट होगी ।।
इसी प्रतिमा के ठीक पीछे इतिहास में पहली बार किसी स्मारक पर 100 फीट ऊंचा केसरिया ध्वज लगाया जाएगा, और जब आसमान के नीले गगन में केसरिया लहराएगा तो हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा ।।
पूरे देश में बनाए जाने वाले इन सभी 100 स्मारकों को शस्त्र और शास्त्र विद्या केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, इन स्मारकों के निर्माण के पीछे हमारा मूल उद्देश्य भारत के खोते हुए इतिहास को बचाना तथा भारत के वास्तविक इतिहास व सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है ।।
प्रति स्मारक निर्माण का खर्चा ₹2 करोड़ होगा, इस तरह से हमारे पूरे अभियान लागत 200 करोड़ रुपए है
अगर महाराणा प्रताप आपके आदर्श हैं और आप सक्षम हैं तो हम आपसे उम्मीद करते हैं कि अपनी श्रद्धा अनुसार ज्यादा से ज्यादा सहयोग राशि दान करें ।