पानी के बाद हमारी दूसरी सबसे बड़ी जरूरत है भोजन और ये सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है की जो भोजन हमारी थाली में हैं वो उच्च गुणवत्ता का और पौष्टिक हो ताकि हमारा सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास हो।
मैं अशोक कुमार कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन में बतौर गाँधी फेलो महाराष्ट्र के अमरावती जिले के चिखलदरा ब्लॉक में काम कर रहा हूँ।
हम 14 फेलो की टीम के साथ 53 स्कूलों में बच्चों कि शिक्षा के साथ-साथ उनके सम्पूर्ण विकास के लिए काम कर रहे है।
हम अभी मेलघाट जो कि एक आदिवासी इलाका है में काम कर रहे हैं जहाँ लोग मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, भोजन के आभाव में अपना जीवन यापन करते है।यहाँ के सरकारी स्कूलों में मिलने वाला "मिड डे मिल" संसाधनों के आभाव की वजह से गुणवत्तापूर्ण नहीं जो कि बच्चों के शारिरिक और मानसिक विकास में बाधक है।
मेलघाट जो कि पिछले कुछ सालों से बच्चों में कुपोषण के लिए चर्चा में है एक आँकड़े के मुताबिक यहाँ 2018 में अप्रैल से जुलाई के बीच महज 4 महीनों में 48 बच्चों की कुपोषण के शिकार से मौत हो गई और और हालही के आंकड़ों में भी कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
इसी समस्या के समाधान हेतु हमें आपके सहयोग की जरूरत है ताकि हम स्कूलों के "मिड डे मील" को बेहतर बना सकें। हम आपकी अमूल्य सहयोग राशि से 53 स्कूलों में "किचन गार्डन" बनाएँगे जिसमें उच्च गुणवत्ता के सब्जियों के बीज,बीज उपचार के लिए जैवक घोल,किचन गार्डन की सुरक्षा के लिए चारों तरफ जाली,जैविक खाद शामिल है।
आपकी इस सहयोग राशि से न केवल उन बच्चों को अच्छा भोजन मिलेगा बल्कि इसके साथ-साथ खतरनाक केमिकल से उत्पादित सब्जियों से होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकेगा और आप का ये अमूल्य धन बच्चों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करेगा जिसमें बच्चे जैविक खेती के फायदों को प्रत्यक्ष रूप से देख पायेंगे, पर्यावरण के प्रति सवेंदनशील होंगें और विज्ञान के छोटे-छोटे सिद्धान्तों को समझ कर फार्मिंग स्किल अपने अंदर विकसित कर पायेंगे।
इस मुहिम साथ जुड़कर आप हजारों बच्चों के चहरों पर मुस्कान ला सकते हैं और बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते है।खुश रहें और दूसरों की खुशियों का कारण बनें।
धन्यवाद
मैं अशोक कुमार कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन में बतौर गाँधी फेलो महाराष्ट्र के अमरावती जिले के चिखलदरा ब्लॉक में काम कर रहा हूँ।
हम 14 फेलो की टीम के साथ 53 स्कूलों में बच्चों कि शिक्षा के साथ-साथ उनके सम्पूर्ण विकास के लिए काम कर रहे है।
हम अभी मेलघाट जो कि एक आदिवासी इलाका है में काम कर रहे हैं जहाँ लोग मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, भोजन के आभाव में अपना जीवन यापन करते है।यहाँ के सरकारी स्कूलों में मिलने वाला "मिड डे मिल" संसाधनों के आभाव की वजह से गुणवत्तापूर्ण नहीं जो कि बच्चों के शारिरिक और मानसिक विकास में बाधक है।
मेलघाट जो कि पिछले कुछ सालों से बच्चों में कुपोषण के लिए चर्चा में है एक आँकड़े के मुताबिक यहाँ 2018 में अप्रैल से जुलाई के बीच महज 4 महीनों में 48 बच्चों की कुपोषण के शिकार से मौत हो गई और और हालही के आंकड़ों में भी कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
इसी समस्या के समाधान हेतु हमें आपके सहयोग की जरूरत है ताकि हम स्कूलों के "मिड डे मील" को बेहतर बना सकें। हम आपकी अमूल्य सहयोग राशि से 53 स्कूलों में "किचन गार्डन" बनाएँगे जिसमें उच्च गुणवत्ता के सब्जियों के बीज,बीज उपचार के लिए जैवक घोल,किचन गार्डन की सुरक्षा के लिए चारों तरफ जाली,जैविक खाद शामिल है।
आपकी इस सहयोग राशि से न केवल उन बच्चों को अच्छा भोजन मिलेगा बल्कि इसके साथ-साथ खतरनाक केमिकल से उत्पादित सब्जियों से होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकेगा और आप का ये अमूल्य धन बच्चों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करेगा जिसमें बच्चे जैविक खेती के फायदों को प्रत्यक्ष रूप से देख पायेंगे, पर्यावरण के प्रति सवेंदनशील होंगें और विज्ञान के छोटे-छोटे सिद्धान्तों को समझ कर फार्मिंग स्किल अपने अंदर विकसित कर पायेंगे।
इस मुहिम साथ जुड़कर आप हजारों बच्चों के चहरों पर मुस्कान ला सकते हैं और बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते है।खुश रहें और दूसरों की खुशियों का कारण बनें।
धन्यवाद